नई दिल्ली। दिल्ली कार ब्लास्ट केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। जांच एजेंसियों ने अब इस घटना को पूरी तरह आतंकी हमला माना है। दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के बीच गहरे कनेक्शन की पुष्टि हो चुकी है।
इसी कड़ी में एक ऐसा नाम सामने आया है जिसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है — डॉ. शाहीन, जिसे अब ‘लेडी टेरर कमांडर’ कहा जा रहा है।
दरअसल, NEWS18 इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर शाहीन का मकसद जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग तैयार करना था। वह श्रीलंका के कुख्यात आतंकी संगठन LTTE (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) की तर्ज पर भारत में महिला आतंकी नेटवर्क खड़ा करना चाहती थी।
डॉ. शाहीन के बारे में जांच में सामने आए 5 खौफनाक खुलासे:
- LTTE जैसी महिला विंग बनाने की साजिश:
डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद के लिए LTTE की तरह महिला आतंकियों की एक अलग विंग बनाना चाहती थी। वह इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुकी थी और इस विषय पर कई रेडिकल लेख भी पढ़ चुकी थी। - गरीब लड़कियों को जिहाद में झोंकने की योजना:
वह दिखावे के लिए एक क्लिनिक (दवाखाना) खोलना चाहती थी ताकि वहां से गरीब मुस्लिम लड़कियों को जिहाद की ओर भटकाया जा सके। जांच एजेंसी के अनुसार, वह इन लड़कियों के नाम पर टेरर फंडिंग भी ले रही थी। - तहखाने में रिक्रूटमेंट सेंटर की योजना:
डॉ. शाहीन एक तहखाना बनवाना चाहती थी, जहां लड़कियों को ‘धर्म के नाम पर’ ब्रेनवॉश किया जाए और उन्हें आतंकी ट्रेनिंग दी जाए। वह इस जगह को रिक्रूट-कमांड सेंटर बनाना चाहती थी। - भारत में ट्रेनिंग बेस खोज रही थी:
शाहीन भारत में सीक्रेट ट्रेनिंग लोकेशन की तलाश में थी। उसने यूपी के सहारनपुर और हापुड़ जिलों में जगह तलाशना शुरू किया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, उसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से फंडिंग मिल रही थी। - भाई और साथियों से पूछताछ जारी:
शाहीन के भाई डॉ. परवेज को जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद और दिल्ली में कई बार पूछताछ के लिए बुलाया है। उसके घर से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, मोबाइल और हार्ड डिस्क जब्त की गई हैं। साथ ही उसके संपर्क में रहने वाले डॉक्टरों और छात्रों से भी UP ATS पूछताछ कर रही है।
🧕 कौन है डॉ. शाहीन?
उम्र: लगभग 46 वर्ष
निवास: लखनऊ
पेशा: एमबीबीएस डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर
शिक्षा: बचपन से मेधावी छात्रा, क्लास में हमेशा टॉपर
संबंध: आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल की कथित गर्लफ्रेंड
उसने लंबे समय तक मेडिकल फील्ड में काम किया और बाद में छात्रों को पढ़ाने लगी। लेकिन धीरे-धीरे उसका रुझान कट्टरपंथ की ओर बढ़ा और उसने जिहादी विचारधारा को अपनाना शुरू कर दिया।
फरीदाबाद कनेक्शन
दिल्ली ब्लास्ट से पहले ही हरियाणा के फरीदाबाद से बड़ा खुलासा हुआ था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच के दौरान जब एजेंसियों ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर छापा मारा, तो वहां से 2,900 किलो से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद हुए।
इसी कार्रवाई में कई आतंकी डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें डॉ. शाहीन भी शामिल थी।
जांच में सामने आया कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ कार ब्लास्ट फरीदाबाद मॉड्यूल से ही जुड़ा हुआ था।
उसी मॉड्यूल का सदस्य आतंकी डॉ. उमर था, जिसने यह धमाका किया और मौके पर मारा गया। इस ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई थी।
जांच का अगला चरण
फिलहाल NIA, UP ATS और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल इस मामले की गहन जांच कर रही है।
एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क ऑल इंडिया टेरर ऑपरेशन की योजना पर काम कर रहा था।
जांच आगे बढ़ने के साथ डॉ. शाहीन और उसके विदेशी लिंक को लेकर और भी कई खुलासे होने की संभावना है।
‘डॉक्टर शाहीन’ की कहानी यह बताती है कि आतंकवाद अब शिक्षा और प्रोफेशन की सीमाओं को भी लांघ चुका है।
जहां कभी लोगों को बचाने की कसम खाई थी, वहीं अब ‘डॉक्टर’ जिहाद के नाम पर मौत का कारोबार चलाने में जुटी थी।





















