रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में आंतरिक मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। आयोग की तीन सदस्य — लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया और दीपिका सोरी — ने आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक पर एकतरफा निर्णय लेने और नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया है।
तीनों सदस्यों ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि आयोग की सुनवाई और कार्यवाही में पारदर्शिता नहीं है। सदस्यों का आरोप है कि सुनवाई के दौरान उन्हें शामिल नहीं किया जाता, जबकि नियम के अनुसार किसी भी मामले में दो सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक होती है।
💬 “अध्यक्ष अकेले ही फैसले लेती हैं”
सदस्यों ने कहा कि आयोग में होने वाली हर सुनवाई की जानकारी उन्हें नहीं दी जाती। अध्यक्ष अकेले ही मामलों की सुनवाई करती हैं और कई बार “अनधिकृत लोगों” को भी शामिल किया जाता है।
लक्ष्मी वर्मा ने आरोप लगाया कि एक सुनवाई के दौरान अध्यक्ष के पति और कुछ वकील भी मौजूद थे। इस विषय में उन्हें कई बार मौखिक रूप से आगाह किया गया था, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
⚖️ कोर्ट और सरकार से हस्तक्षेप की मांग
आयोग की सदस्य दीपिका सोरी ने कहा कि वे इस पूरे मामले की जानकारी विधि विभाग, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को देने जा रही हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया जाएगा।
🖼️ अध्यक्ष के चेंबर की तस्वीरों पर भी सवाल
सरला कोसरिया ने आरोप लगाया कि जब वे सचिव से सवाल पूछती हैं तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। उन्होंने आय-व्यय से संबंधित दस्तावेजों की भी जानकारी मांगी है।
उन्होंने यह भी कहा कि अध्यक्ष के चेंबर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और भूपेश बघेल की तस्वीरें लगी हैं, जबकि वहां केवल राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तस्वीरें होनी चाहिए।
📢 अध्यक्ष बोलीं – “सचिव ही देंगे जवाब”
इस विवाद पर जब महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा और सारी जानकारी सचिव द्वारा दी जाएगी।
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