हर घर में चारों दिशाओं का विशेष महत्व होता है, लेकिन नॉर्थ-ईस्ट दिशा यानी ईशान कोण को वास्तुशास्त्र में सबसे पवित्र, संवेदनशील और ऊर्जावान क्षेत्र माना गया है। यह दिशा न सिर्फ मानसिक स्पष्टता, शांति और रचनात्मक सोच का प्रतीक है, बल्कि यह ब्रेन पावर, आइडियाज और ध्यान शक्ति से भी जुड़ी हुई होती है।
वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार, इस दिशा में की गई छोटी-सी गलती भी आपके मानसिक स्वास्थ्य, सोचने की क्षमता और जीवन की प्रगति पर गहरा असर डाल सकती है।
🚫 नॉर्थ-ईस्ट में न रखें ये चीज़ें
टूटा-फूटा सामान
पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स
कबाड़ या बंद पेटियां
भारी अलमारी या शोकेस
वॉशिंग मशीन, भारी फर्नीचर
👉 इन वस्तुओं से ऊर्जा का प्रवाह रुकता है और घर में नेगेटिविटी, थकान, उलझन और रुकावटें आने लगती हैं।
🧱 दीवारों में कील ठोकना क्यों है हानिकारक?
विशेष रूप से 7 फीट ऊंचाई पर कील या ड्रिलिंग करना मानसिक ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है।
वास्तु व आयुर्वेद में इसे “मरम बिंदु” कहा गया है – यानी ऐसे बिंदु जहां दीवार की ऊर्जा शरीर की नसों से जुड़ती है। इस क्षेत्र में कील लगाने से सिरदर्द, अनिद्रा, उलझन और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
✔️ उपाय:
फोटो फ्रेम या सजावटी आइटम डबल साइड टेप या वॉल हुक्स से लगाएं।
दीवारों को नुकसान न पहुंचाएं, इससे ऊर्जा संतुलन बना रहेगा।
✅ नॉर्थ-ईस्ट को सकारात्मक कैसे बनाएं?
इस दिशा को खाली, स्वच्छ और हल्का रखना सर्वोत्तम है।
यहां आप रख सकते हैं:
छोटा मंदिर या पूजा स्थल
जल स्रोत (जैसे छोटा फव्वारा, जल पात्र)
तुलसी का पौधा
ध्यान (Meditation) कॉर्नर
हल्के रंगों की पेंटिंग या प्रकाश
👉 इससे घर में सुख-शांति, सकारात्मक ऊर्जा और रचनात्मकता बनी रहती है।
🧘♀️ निष्कर्ष
North-East दिशा को केवल दीवार का कोना न समझें। यह दिशा आपकी सोच, निर्णय क्षमता और जीवन की ऊर्जा का केंद्र है। यदि आप इसे वास्तु के अनुसार स्वच्छ, हल्का और संतुलित बनाए रखते हैं, तो जीवन में धन, बुद्धि, शांति और तरक्की स्वतः आने लगती है।