रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आज उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में पेश किया गया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया है। अब वे 29 अक्टूबर तक जेल में रहेंगे। यानी इस बार दिवाली चैतन्य बघेल जेल में ही मनाएंगे।
ईडी ने जन्मदिन के दिन की थी गिरफ्तारी
ईडी ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई स्थित निवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी।
शराब घोटाले की जांच ईडी ने एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं से जुड़ी हुई है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।

ईडी का दावा – चैतन्य को मिले 16.70 करोड़ रुपये नकद
जांच में ईडी ने खुलासा किया कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले। उन्होंने इस रकम का उपयोग अपनी रियल एस्टेट फर्मों में किया।
पैसे का इस्तेमाल ठेकेदारों को नकद भुगतान, बैंक प्रविष्टियों और प्रोजेक्ट निवेश के रूप में किया गया।
ईडी के अनुसार, उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक योजना तैयार की, जिसके तहत उन्होंने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद के नाम पर 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए।
बैंकिंग ट्रेल से यह भी सामने आया कि घोटाले की अवधि के दौरान त्रिलोक सिंह ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान आया था।
कई बड़े चेहरे पहले से गिरफ्त में
इस मामले में ईडी पहले ही पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर चुकी है।
फिलहाल, मामले की आगे की जांच जारी है।
🖋️ एडिटर – दिलीप शर्मा, छत्तीसगढ़