Israel-Iran war: दिनांक: 16 जून 2025। 13 जून 2025 को इज़रायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’नाम से ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला शुरू किया। इस ऑपरेशन में इज़रायल की वायुसेना ने ईरान के 170 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें 720 सैन्य ढांचे, रडार सिस्टम, मिसाइल लॉन्च पैड और गुप्त परमाणु प्रयोगशालाएं शामिल थीं। इस हमले में ईरान के 14 वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, जिनमें परमाणु वैज्ञानिक और IRGC के कमांडर शामिल थे, मारे गए।
इरादों की जंग: परमाणु खतरों के खिलाफ संघर्ष
इज़रायल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आशंकित रहा है। 13 जून का हमला इज़रायल की उसी नीति का विस्तार है – “शत्रु को पहले ही कमजोर कर दो”।
इज़रायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ईरान हमारे अस्तित्व के लिए खतरा है। हम हर जरूरी कार्रवाई करेंगे, चाहे कितनी भी कीमत चुकानी पड़े।”
ईरान का पलटवार: मिसाइलों और ड्रोनों की बरसात
इज़रायल के हमले के 24 घंटे के भीतर ही ईरान ने अपना जबाबी हमला कर दिया।
करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें
और 100 सुसज्जित ड्रोन
तेल अवीव, यरुशलम, हाइफा जैसे शहरों पर दागे गए।
ईरान के इस हमले में 14 इज़रायली नागरिकों की मौत और 390 से अधिक घायल हुए। इज़रायल का डिफेंस सिस्टम “Iron Dome” कई मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में कामयाब रहा, लेकिन कुछ मिसाइलें सैन्य ठिकानों और रिहायशी इलाकों तक पहुंच गईं।
युद्ध की कीमत: मानवता की हार ईरान:
नागरिक मृतक: 224
सैन्य अधिकारी: 14+
इज़रायल:
नागरिक मृतक: 14
घायल: 390+
स्पष्ट है कि इस युद्ध में दोनों देशों के नागरिकों को ही सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: शांति की अपील, पर कदम नहीं
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने युद्धविराम की अपील करते हुए कहा:
“अगर यह युद्ध अब नहीं रुका, तो पूरा मध्य-पूर्व युद्ध की आग में झुलस जाएगा।”
अमेरिका, रूस और चीन ने बयान तो दिए लेकिन कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं किया।
सऊदी अरब, UAE, तुर्की समेत कई मुस्लिम देशों ने इज़रायल की कार्रवाई की निंदा की, लेकिन खुले समर्थन से बचते रहे।
आर्थिक और वैश्विक असर: तेल बाजार में उथल-पुथल
फारस की खाड़ी में असुरक्षा के कारण कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं।
वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट, खासकर एशिया और यूरोप में।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर, खासकर मिडिल ईस्ट के एयरस्पेस में प्रतिबंध।
क्या आगे होगा?
विकल्प 1: पूर्ण युद्ध
यदि ईरान और इज़रायल दोनों पीछे नहीं हटते, तो यह युद्ध लेबनान, सीरिया, इराक और खाड़ी देशों तक फैल सकता है।
विकल्प 2: सीमित संघर्ष + राजनयिक हस्तक्षेप
UN और अमेरिका मिलकर मध्यस्थता करें, संघर्ष को धीमा करने की कोशिश करें।
विकल्प 3: सीजफायर — लेकिन शर्तों के साथ
ईरान की मांग: इज़रायल पहले हमला रोके
इज़रायल की मांग: ईरान परमाणु गतिविधियां रोके
निष्कर्ष: युद्ध में कोई विजेता नहीं होता
इस युद्ध ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सैन्य शक्ति कितनी भी बड़ी क्यों न हो, आम जनता ही सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
आज अगर इज़रायल और ईरान पीछे नहीं हटते, तो कल ये लपटें पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकती हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध में दोनों देशों के बीच जबरदस्त हमले हो रहे हैं. ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया, जबकि इजरायल ने फाइटर जेट्स से जवाबी कार्रवाई की है.
ईरान के कई शहरों पर इजरायल ने बमबारी की.
Israel-Iran war: इजरायल और ईरान के बीच जंग जोरों पर है. दोनों ओर से एक-दूसरे के खिलाफ जबरदस्त वार- पटलवार हो रहे हैं. ईरान ने जहां इजरायल के कई शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया है, वहीं इजरायल के फाइटर जेट्स ने ईरान के भीतर तक घुसकर हमला बोला है.
इजरायल ने पूर्वोत्तर ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर हवाई हमला किया. जिसमें एक सैन्य ईंधन भरने वाले विमान को निशाना बनाया गया. जिसे इसकी सेना ने ऑपरेशन की शुरुआत के बाद से किया गया सबसे लंबी दूरी का हमला बताया. इजरायल रक्षा बल (IDF) ने कहा कि थोड़ी देर पहले, IAF (इज़राइली वायु सेना) ने इजरायल से लगभग 2,300 किलोमीटर दूर पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक ईरानी हवाई ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया. हमले के बाद हवाई अड्डे पर बड़ी आग देखी गई. यह ऑपरेशन इजरायल द्वारा किए गए अब तक के सबसे दूर के हमलों में से एक है. जो ट्यूनीशिया में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के मुख्यालय पर 1985 के हमले की याद दिलाता है.
Israel-Iran war: ईरान की मिसाइल बमबारी के बीच इजरायल के अधिकांश हिस्सों में सायरन बज रहे हैं. इजरायलियों को आश्रय स्थलों में जाने को कहा गया है. लगभग पूरे देश में इजरायलियों को सुरक्षित कमरों और बम शेल्टर होम में जाने को कहा गया है.
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अब सबसे बड़ा दावा सामने आया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज से बातचीत में पुष्टि की है कि उनकी सेना ने ईरान के खुफिया प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काज़ेमी और उनके डिप्टी जनरल हसन मोहक़िक को तेहरान में एक सटीक हमले में मार गिराया है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि ईरान हूती विद्रोहियों को एटमी हथियार देने वाला था.
Israel-Iran war: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक फिर दावा किया है कि उनकी मदद से ही भारत और पाकिस्तान में हालिया तनाव कम हो सका. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने भारत और पाकिस्तान में सुलह कराई, वैसे ही वह इजरायल और ईरान की जंग भी रुकवा सकते हैं. हालांकि, इजरायल और ईरान दोनों ही एक-दूसरे पर लगातार मिसाइल दाग रहे हैं.
अमेरिका से एक बड़ा खुलासा
Israel-Iran war: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका से एक बड़ा खुलासा सामने आया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इजरायल की उस योजना को खारिज कर दिया था, जिसमें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की तैयारी की जा रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, दो वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इजरायल ने खामेनेई को निशाना बनाने का प्रस्ताव अमेरिका के सामने रखा था. लेकिन ट्रंप ने इस विचार को यह कहकर ठुकरा दिया कि क्या ईरानियों ने अब तक किसी अमेरिकी को मारा है? नहीं. जब तक वो ऐसा नहीं करते, तब तक हम उनके राजनीतिक नेतृत्व को टारगेट करने की बात तक नहीं करेंगे.
Israel-Iran war: ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इराक से आग्रह किया कि वह इजरायल को इस्लामिक गणराज्य पर हमले करने के लिए अपने हवाई क्षेत्र और क्षेत्र का उपयोग करने से रोके. ईरानी राष्ट्रपति पद की वेबसाइट के अनुसार, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी के साथ बातचीत में पेजेशकियन ने कहा, “हम इस बात पर जोर देते हैं कि इराकी सरकार को अपनी सीमाओं और हवाई क्षेत्र की अधिक सतर्कता और सुरक्षा करनी चाहिए ताकि इराकी क्षेत्र का दुरुपयोग इस्लामिक गणराज्य ईरान के खिलाफ न हो.”
Israel-Iran war: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने शनिवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से फोन पर बात की और इज़रायली हमलों में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई. सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक, बिन सलमान ने इन हमलों को ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा पर सीधा हमला बताया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानकों का उल्लंघन है. उन्होंने इन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इससे कूटनीतिक समाधान की कोशिशों को गहरा नुकसान पहुंचा है. उन्होंने यह भी दोहराया कि सऊदी अरब किसी भी संघर्ष के समाधान के लिए बल प्रयोग का विरोधी है और संवाद ही मतभेद सुलझाने का एकमात्र रास्ता होना चाहिए.
ईरान और इज़रायल के बीच गहराते तनाव के बीच इज़रायली सेना ने रविवार को एक बड़ी चेतावनी जारी की है. इज़रायल के सैन्य प्रवक्ता ने ईरान के नागरिकों से कहा है कि वे परमाणु रिएक्टरों के पास के इलाकों को तुरंत खाली कर दें, क्योंकि वहां ‘खतरा मंडरा रहा है.’
Israel-Iran war: ईरान और अमेरिका के बीच तय की गई नई परमाणु वार्ता रविवार को नहीं हो पाई. इसकी वजह इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए तीव्र सैन्य हमले रहे. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक इजरायल इस्लामिक रिपब्लिक पर हमले जारी रखेगा, ईरान किसी भी प्रकार की परमाणु वार्ता में हिस्सा नहीं लेगा.