कालबैसाखी तूफान का अलर्ट: मई में मौसम का मिजाज बदल गया है. दिल्ली-एनसीआर में दोपहर में आंधी-तूफान और थोड़ी देर की मूसलाधार बारिश से ऐसा ही अंदाजा लगाया जा सकता है. दरअसल, मौसम विभाग ने पहले ही दक्षिण पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान जताया था. साथ ही, देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मौसम में बदलाव की संभावना भी जताई थी. मौसम विभाग ने बताया कि पंजाब से उत्तर प्रदेश और बांग्लादेश तक बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मौसम में गड़बड़ी हो सकती है. इसके अलावा, प्रायद्वीपीय भारत में मानसून के अनुकूल स्थिति बन रही है.
छत्तीसगढ़ ओडिशा अगले 7 दिन अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों में अगले सात दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल सिक्किम झारखंड और ओडिशा में तेज आंधी-तूफान के बारिश के साथ बिजली तड़पने और गिरने की संभावना जताया है. पूर्वी भारत के राज्यों में कालबैसाखी तूफान की वजह से मौसम खराब रहने की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने बताया कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में अगले सात दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर और उससे सटे राज्यों में अपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है. वहीं, बंगाल की खाड़ी और उससे सटे राज्यों में भी साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से बारिश की संभावना है. अगले 3 से 4 दिनों में अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन सागर और दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में मानसून के अनुकूल स्थिति बनने की संभावना है.
आंधी-तूफान और बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण भारत में अगले सात दिनों तक मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. केरल, माहे, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक में हल्की से तेज बारिश के साथ आंधी, बिजली और 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हवाएं चलने की संभावना है. तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में भी आंधी, बिजली और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना है. 18 से 23 मई के बीच तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.
लोगों से सतर्क रहने की अपील
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है. इस दौरान बिजली गिरने और तेज हवाओं से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन और जलभराव की आशंका को देखते हुए प्रशासन को भी अलर्ट पर रखा गया है.