महासमुंद ब्यूरो | एक ओर सरकार शराबबंदी को लेकर योजनाएं बना रही है, तो दूसरी ओर गांवों में अवैध शराब का कारोबार जड़ें जमा चुका है। शराब न केवल परिवार तोड़ रही है, बल्कि अब जानलेवा भी साबित हो रही है। महासमुंद जिले के बसना थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया है।
बुजुर्ग की जान गई, वजह बनी शराब की मुखालफत
घटना भंवरपुर चौकी अंतर्गत ग्राम मनुबन (भंवरचुआ) की है। गांव के 65 वर्षीय बुजुर्ग महेश यादव की कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। आरोप है कि हत्या करने वाले एक ऐसा परिवार है जो लंबे समय से गांव में अवैध रूप से शराब बेच रहा था।
मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार, महेश यादव का बेटा शराब का आदी हो गया था और घर का राशन, चावल यहां तक कि बर्तन तक बेचकर नशे के लिए पैसे जुटाता था। इससे आहत होकर महेश यादव ने गांव में शराब बेच रहे परिवार से शराब बिक्री बंद करने की गुजारिश की थी। यह बात शराब माफियाओं को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने महेश यादव पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
पूरा परिवार हुआ हमलावर, मौके पर ही मौत
ग्रामीणों के अनुसार, शराब बेचने वाले परिवार के कई सदस्य एक साथ बुजुर्ग पर टूट पड़े और उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आसपास के लोग जब तक कुछ समझ पाते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सूचना मिलने पर भंवरपुर चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गांवों में फैलता शराब का जहर, और प्रशासन मौन?
यह घटना न सिर्फ एक हत्या है, बल्कि यह उन सैकड़ों गांवों की कहानी को उजागर करती है जहां शराब माफिया बेलगाम हैं और आम नागरिक डरे हुए हैं। एक बुजुर्ग ने हिम्मत दिखाई, समाज की भलाई के लिए आवाज उठाई — लेकिन उसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
अब सवाल उठता है कि क्या गांवों में अवैध शराब बिक्री पर प्रशासन की नजर नहीं है? क्या जिन परिवारों का जीवन शराब ने निगल लिया है, उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं? और क्या अब कोई भी व्यक्ति समाज के लिए बोलने से पहले सौ बार सोचेगा?
पुलिस पर दबाव, ग्रामीणों में रोष
इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए और गांव में अवैध शराब पर रोक लगाई जाए।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है। लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वक्त आ गया है जब नशे के खिलाफ सिर्फ बातें नहीं, सख्त कार्रवाई की जरूरत है।