ओडिशा के रायगढ़ जिले में एक अद्भुत लेकिन चौंकाने वाली सामाजिक घटना सामने आई है, जहां एक आदिवासी महिला द्वारा अंतरजातीय विवाह किए जाने के बाद उसके परिवार के 40 से अधिक सदस्यों ने सिर मुंडवा कर शुद्धिकरण अनुष्ठान में भाग लिया। इस दौरान स्थानीय देवता को बकरा, मुर्गा और सूअर की बलि दी गई।
📌 कहां की घटना?
यह घटना गुरुवार को ओडिशा रायगढ़ जिले के काशीपुर ब्लॉक अंतर्गत बैगनगुड़ा गांव (गोरखपुर पंचायत) में हुई। यहां की परंपराओं में अंतरजातीय विवाह को स्वीकार नहीं किया जाता।
🧑🤝🧑 क्या हुआ था?
सूत्रों के अनुसार, एक 20 वर्षीय आदिवासी युवती का प्रेम संबंध एक अनुसूचित जाति के युवक से था। परिवारों के विरोध के बावजूद उन्होंने विवाह कर लिया।
यह विवाह आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार सामाजिक रूप से मान्य नहीं था। समुदाय का मानना है कि ऐसे विवाह करने पर गांव के देवता नाराज़ होते हैं, और देवता को शांत करने हेतु शुद्धिकरण अनुष्ठान आवश्यक होता है।
🔱 क्या किया गया शुद्धिकरण में?
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परिवार के 40 सदस्यों और रिश्तेदारों ने सिर मुंडवाए
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बकरा, सूअर और मुर्गे की बलि दी गई
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पूरे गांव के लिए भव्य भोज का आयोजन किया गया
यह पूरा अनुष्ठान स्थानीय मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार किया गया।
🎥 वायरल वीडियो से हुआ खुलासा
यह घटना तब सामने आई जब किसी ग्रामीण ने शुद्धिकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होते ही जिला प्रशासन ने तत्काल जांच के आदेश दिए।
🏛️ प्रशासन की प्रतिक्रिया
ओडिशा खंड विकास अधिकारी (BDO) बिजय सो ने बताया कि एक ब्लॉक-स्तरीय जांच टीम बैगनगुड़ा गांव भेजी गई थी। उन्होंने कहा,
“परिवार ने बताया कि उन्होंने किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी परंपराओं के अनुसार अनुष्ठान किया।”
BDO ने यह भी कहा कि ओडिशा सरकार की अंतरजातीय विवाह सहायता योजना के तहत जोड़े के मामले पर विचार किया जा रहा है।
🔍 निष्कर्ष
यह घटना स्पष्ट रूप से भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक टकरावों को दर्शाती है, जहां व्यक्तिगत अधिकार और समुदाय की परंपराएं आमने-सामने खड़ी हैं। यह मुद्दा प्रशासनिक, सामाजिक और नैतिक सभी दृष्टिकोणों से चर्चा योग्य है।