नई दिल्ली। भारत–रूस संबंधों में गुरुवार की शाम एक नया और आत्मीय अध्याय जुड़ गया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
लेकिन इस मुलाकात में सबसे अधिक चर्चा उस विशेष उपहार की रही, जो पीएम मोदी ने अपने ‘दोस्त’ पुतिन को दिया—रूसी भाषा में प्रकाशित ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की प्रति।
डिनर कूटनीति में आध्यात्म का रंग
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक आवास—7 लोक कल्याण मार्ग—पर पुतिन का स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक डिनर हुआ। इसी दौरान पीएम मोदी ने उन्हें गीता भेंट की।
पीएम ने ‘एक्स’ पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा:
“राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की। गीता की शिक्षाएं दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं।”
तस्वीर में पुतिन को उपहार को बेहद ध्यान और उत्सुकता से देखते हुए पाया गया—यह दोनों नेताओं के बीच की व्यक्तिगत, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समझ को दर्शाता है।
एक ही गाड़ी में सफर–दोस्ती का नया प्रतीक
पालम एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाकर स्वागत किया, जहाँ का दृश्य कूटनीतिक गर्माहट से भरा था।
दोनों नेता एयरपोर्ट से पीएम आवास तक एक ही लिमोज़िन में साथ बैठे, जो अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में विरले ही देखने को मिलता है।
यह वह दृश्य था जिसने जुलाई 2024 के मोदी–पुतिन मॉस्को मुलाकात की याद दिला दी, जब पुतिन ने भी उन्हें अपने आवास “नोवो-ओगार्योवो” ले जाने के लिए एक ही गाड़ी में सीट दी थी।
पीएम आवास पर विशेष सजावट और सांस्कृतिक स्वागत
7 लोक कल्याण मार्ग को भारत और रूस के झंडों तथा आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया था।
एयरपोर्ट पर भी विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया, जहां दोनों नेताओं ने कलाकारों की प्रस्तुति का आनंद लिया और तालियाँ बजाकर उत्साहवर्धन किया।
Presented a copy of the Gita in Russian to President Putin. The teachings of the Gita give inspiration to millions across the world.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/D2zczJXkU2
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2025
23वां भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन आज
यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि यह भारत–रूस की रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के मौके पर हो रही है।
शुक्रवार को होने वाली यह बैठक वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका की तरफ से टैरिफ और भू-राजनीतिक दबाव बढ़ा हुआ है।
इस समिट के एजेंडे में—
ट्रेड और ऊर्जा सहयोग का विस्तार
रक्षा साझेदारी को नई मजबूती
रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाएँ
कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर
शामिल रहेंगे।
रस्मी स्वागत, राजघाट और हैदराबाद हाउस में वार्ता
औपचारिक कार्यक्रमों के मुताबिक—
राष्ट्रपति भवन में Ceremonial Welcome
पुतिन का राजघाट में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि
हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात होगा।
यह यात्रा भारत–रूस संबंधों को नई मजबूती देने वाली साबित हो सकती है।






















