Shardiya Navratri 2025: आज 22 सितंबर 2025 से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है। मां दुर्गा का आगमन इस बार हाथी पर हुआ है, जिसे उन्नति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व 1 अक्टूबर महा नवमी तक चलेगा और 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ इसका समापन होगा। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है।
प्रतिपदा तिथि और नक्षत्र
प्रतिपदा तिथि: 22 सितंबर सुबह से लेकर 23 सितंबर रात 01:19 एएम तक
नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी (सुबह 11:25 बजे तक), उसके बाद हस्त नक्षत्र
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज का दिन पूजा और कलश स्थापना के लिए अत्यंत शुभ है।
कलश स्थापना का मुहूर्त
सामान्य मुहूर्त: सुबह 06:00 बजे से शाम तक
विशेष अभिजीत मुहूर्त: 11:36 बजे से 12:24 बजे तक
पहले दिन के प्रमुख मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:35 AM से 05:22 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:36 AM से 12:24 PM
निशिता मुहूर्त: 11:50 PM से 12:38 AM
चौघड़िया मुहूर्त (दिन का)
अमृत: 06:09 AM से 07:40 AM
शुभ: 09:11 AM से 10:43 AM
चर: 01:45 PM से 03:16 PM
लाभ: 03:16 PM से 04:47 PM
अमृत: 04:47 PM से 06:18 PM
चौघड़िया मुहूर्त (रात का)
चर: 06:18 PM से 07:47 PM
लाभ: 10:45 PM से 12:14 AM
शुभ: 01:43 AM से 03:12 AM (23 सितम्बर तक)
अमृत: 03:12 AM से 04:41 AM (23 सितम्बर तक)
चर: 04:41 AM से 06:10 AM (23 सितम्बर तक)
आज का मंत्र जाप
पूजन के समय मां शैलपुत्री का ध्यान करें और इस मंत्र का जप करें—
“जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥”
👉 नोट: आज मां दुर्गा की पूजा, व्रत और कलश स्थापना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है।
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