कोयला घोटाले का मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी जेल में मचा रहा उत्पात, VIP ट्रीटमेंट पर उठे सवाल – कोर्ट में सुनवाई आज

मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले के मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी को जेल में अनुशासनहीनता और उत्पात के चलते रायपुर से अंबिकापुर जेल ट्रांसफर किया जा सकता है। ईडी की याचिका पर आज विशेष कोर्ट में सुनवाई होनी है। आरोपी पर जेल के अंदर VIP ट्रीटमेंट का लाभ उठाने और सिंडिकेट चलाने के आरोप हैं। इसी मामले में ईडी ने अब तक 49.73 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की हैं और पूरा घोटाला 570 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।

  • रायपुर जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी पर जेल में अनुशासन तोड़ने और उत्पात मचाने के आरोप

  • जेल प्रशासन ने कोर्ट से अंबिकापुर जेल में शिफ्ट करने की मांगी अनुमति

  • ईडी ने 570 करोड़ के घोटाले में 100 से अधिक संपत्तियों को किया है कुर्क

  • कोर्ट ने सभी आरोपियों को राज्य की अन्य जेलों में शिफ्ट करने के आदेश दिए

  • आरोपी पर जेल में VIP ट्रीटमेंट और ‘सिंडिकेट’ चलाने के गंभीर आरोप

  • सूर्यकांत तिवारी पर आरोप क्या हैं?

    छत्तीसगढ़ में 570 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी को लेकर जेल प्रशासन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वह रायपुर जेल में रहते हुए VIP सुविधा ले रहे हैं, अधिकारियों के साथ असहयोग कर रहे हैं और जेल के नियमों का पालन नहीं कर रहे।

कोर्ट में क्या हो रहा है?

ईडी की विशेष अदालत में आज इस पर सुनवाई हो रही है। जेल प्रशासन चाहता है कि सूर्यकांत तिवारी को रायपुर से अंबिकापुर जेल में स्थानांतरित किया जाए ताकि जांच और जेल संचालन में हस्तक्षेप रोका जा सके।
कोर्ट ने पहले ही सभी आरोपियों को विभिन्न जेलों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।

कुर्क संपत्तियों का ब्योरा

ईडी (ED) ने पीएमएलए एक्ट के तहत सूर्यकांत तिवारी और अन्य के खिलाफ जांच में लगभग ₹49.73 करोड़ की 100 से ज्यादा चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया है:

  • बैंक बैलेंस

  • नगद राशि

  • आभूषण

  • वाहन

  • ज़मीन


🧾 4. घोटाले की कार्यप्रणाली क्या थी?

  • जुलाई 2020 से जून 2022 तक प्रत्येक टन कोयले पर ₹25 की अवैध लेवी वसूली गई

  • इस वसूली का आदेश खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्रोई ने जारी किया था

  • वसूली की रकम को व्यापारी सीधे सूर्यकांत तिवारी के कर्मचारियों को जमा करते थे

  • उसी के आधार पर पीट और ट्रांसपोर्ट परमिट जारी होते थे


🏗️ 5. रकम का उपयोग कहां हुआ?

  • जांच में खुलासा हुआ है कि इस घोटाले की राशि का उपयोग:

    • सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने

    • राजनीतिक दलों को फंडिंग

    • चुनावी खर्च

    • ज़मीन, गहने और अन्य निवेश में किया गया


🚨 6. VIP ट्रीटमेंट और ‘सिंडिकेट’ का आरोप

ईडी को शिकायत मिली थी कि सूर्यकांत तिवारी और अन्य आरोपी जेल के अंदर ‘सिंडिकेट’ चला रहे हैं।

  • जेल में उन्हें विशेष सुविधाएं मिल रही थीं

  • बाहरी संपर्क भी जारी था

  • कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से सांठगांठ के भी आरोप हैं

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