शिक्षक दिवस: राजभवन में सम्मान समारोह पर विवाद, ड्रेस कोड और समूह सम्मान से बढ़ी नाराजगी

शिक्षक

रायपुर। शिक्षक दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह इस बार विवादों में घिर गया है। हर साल की तरह इस बार भी राजभवन में उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया, लेकिन इस आयोजन को लेकर कई शिक्षकों और संघ ने कड़ा एतराज जताया है। उनका कहना है कि समारोह की गरिमा से समझौता किया गया और शिक्षकों को अपेक्षित सम्मान नहीं मिल सका।

ड्रेस कोड को लेकर आपत्ति

इस बार पहली बार शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया। पुरुष शिक्षकों से कहा गया कि वे एक जैसे रंग का सूट पहनकर आएं, जबकि महिला शिक्षिकाओं के लिए समान रंग की बॉर्डर वाली साड़ी अनिवार्य की गई। इससे पहले के आयोजनों में इस तरह की कोई बाध्यता नहीं थी।

sitename%

सम्मान का तरीका भी बना विवाद का कारण

शिक्षकों ने बताया कि समारोह शुरू होने से पहले ही उनके हाथों में सम्मान-पत्र और स्मृति चिन्ह थमा दिए गए। बाद में अधिकारियों ने उन्हें राज्यपाल के पास केवल तस्वीर खिंचवाने के लिए ले जाया। सिर्फ चार शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर सम्मानित किया गया, जबकि बाकी 60 को समूह में खड़ा कर फोटो खिंचवानी पड़ी। इससे उन्हें व्यक्तिगत गौरव का अनुभव नहीं हो पाया।

पाबंदियों से नाराजगी

शिक्षकों ने बताया कि राजभवन में कई तरह की पाबंदियां भी लागू की गईं। जैसे – कोट पहनना अनिवार्य, लेकिन टाई पर रोक; मोबाइल फोन पूरी तरह बंद; और तस्वीरें लेने पर पाबंदी। इससे शिक्षकों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

संघ का रुख

शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि शिक्षक सम्मान उनके जीवन का सबसे अहम क्षण होता है, जिसे इस तरह समूह में करके छोटा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान या पद्म सम्मान समारोह में भी इस तरह की अनिवार्यता नहीं रहती। दुबे ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि भविष्य में इस तरह की गलत परंपराएं दोहराई न जाएं।

ये भी पढ़ें...

[wpr-template id="218"]