रायपुर। कोयला घोटाले में जेल बंद कारोबारी सुनील अग्रवाल व अन्य को सेंट्रल जेल से हटाकर दूसरे जेल में शिफ्ट करने की मांग ED ने कोर्ट से की है। ED का आरोप है कि जेल और अस्पताल के अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें जेल और अस्पताल में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। उपचार के दौरान उन्हें VIP ट्रीटमेंट दिया गया।
सुविधाओं का फायदा लेने अस्पताल पहुंचे
ED के पास कई तस्वीरें ऐसी हैं जिनके आधार पर दावा किया गया है कि अस्पतालों में इन्हें सामान्य कैदी की तरह जनरल वार्ड में नहीं बल्कि प्राइवेट रूम में रखा गया। इस रूम में एसी-TV सबकुछ उपलब्ध कराया गया। ED के पास जिन डॉक्टरों का बयान है कि उसके अनुसार दोनों ने कई बार अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान ट्रीटमेंट लेने से भी मना कर दिया था। इससे साफ है कि दोनों केवल सुविधाओं का फायदा लेने अस्पताल पहुंचे थे।
ED ने कोर्ट में जो आवेदन दिया है उसके अनुसार सुनील अग्रवाल ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 के बीच 170 दिन अस्पताल में गुजारे। एक आरोपी फरवरी 2023 से जुलाई 2023 के बीच करीब 1 महीने तक अस्पताल में रहा। सुनील अग्रवाल ने मेडिशाइन अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में तीन महीने से ज्यादा का वक्त गुजारा है। इसी तरह वह डीकेएस अस्पताल के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट में 28 दिन तक भर्ती रहा।
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