महासमुंद. पंचायत चुनाव में मतदाताओं को धमकाने, जबरन अर्थदंड लगाने और बहिष्कार करने की घटनाओं पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। तहसील कोमाखान अंतर्गत ग्राम पंचायत चिंगरिया के आश्रित ग्राम बाम्हनसरा में कुछ लोगों ने एक मतदाता परिवार को जबरन अपने पसंदीदा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने की कोशिश की। जब पीड़ित परिवार ने स्वतंत्र रूप से मतदान करने की बात कही, तो उन्हें धमकाया गया, गाली-गलौच की गई और 50,000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया।
इतना ही नहीं, उनके सामाजिक बहिष्कार की धमकी भी दी गई।मालूम हो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर मतदाताओं को डराने-धमकाने का प्रयास करने वाले इस मामले का ख़ुलासा webmorcha ने प्रमुखता के साथ किया। सूचना को संज्ञान में लेते के चलते प्रशासन की तत्परता से न्याय की जीत हुई और पीड़ित परिवार को राहत मिली।
मीडिया में खबर आते ही प्रशासन एक्शन में
इस घटना की खबर जैसे ही मीडिया में आई, जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बागबाहरा श्री उमेश कुमार साहू ने तत्काल तहसीलदार हरीशकांत ध्रुव को मामले की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद, तहसीलदार ने थाना प्रभारी कोमाखान के साथ मिलकर पीड़ित परिवार का बयान दर्ज किया।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही
पीड़ित की शिकायत पर गांव के ब्यास नारायण चंद्राकर, श्याम लाल ठाकुर, जगत राम यादव, हेमन पटेल और रेखन साहू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। धारा 126 और 134 बीएनएसएस के तहत इस्तगासा तैयार कर सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय में गलती स्वीकार, 10,000 के मुचलके पर रिहाई
न्यायालय में तहसीलदार हरीशकांत ध्रुव ने आरोपियों को सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक अधिकारों का महत्व समझाया। इस पर सभी आरोपियों ने अपनी गलती स्वीकार कर न्यायालय एवं पीड़ित परिवार से माफी मांगी। न्यायालय ने 10,000 रुपये के मुचलके पर उन्हें इस शर्त के साथ रिहा किया कि अगले छह माह तक वे क्षेत्र में शांति भंग नहीं करेंगे।
प्रशासन के प्रति आभार
पीड़ित परिवार ने प्रशासन, महासमुंद कलेक्टर, बागबाहरा एसडीएम और तहसीलदार कोमाखान के प्रति आभार व्यक्त किया और निष्पक्ष कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया।