योगिनी एकादशी 2025 कब है? जानिए तिथि, व्रत विधि और विशेष महत्व

योगिनी एकादशी

Yogini Ekadashi 2025 Date, Vrat Vidhi & Significance in Hindi : Yogini Ekadashi 2025 Kab hai: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। इस बार योगिनी एकादशी की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है। कुछ पंचांगों में 21 जून और कुछ पंचांगों में 22 जून को योगिनी एकादशी व्रत बताया गया है। ऐसे में आमजन किस दिन करें, यह बड़ा सवाल है।

 

📅 योगिनी एकादशी 2025 की तिथि:

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और सभी पापों के नाश के लिए उत्तम माना गया है।

इस वर्ष योगिनी एकादशी की तिथि को लेकर कई पंचांगों में मतभेद देखने को मिल रहे हैं। कुछ पंचांगों में इसे 21 जून तो कुछ में 22 जून 2025 को बताया गया है। आइए ज्योतिषीय गणना से स्पष्ट करें।


🧮 ज्योतिषीय गणना के अनुसार:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 21 जून 2025, सुबह 7:18 बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त: 22 जून 2025, सुबह 4:27 बजे

  • 22 जून को सूर्योदय: सुबह 5:46 बजे

👉 22 जून को सूर्योदय से पहले ही एकादशी समाप्त हो रही है। इसलिए इसे “क्षय एकादशी” कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि एकादशी सूर्योदय को नहीं छू रही, अतः शास्त्रानुसार उस दिन व्रत नहीं किया जा सकता।


✅ व्रत कब करें?

व्रत तिथि (स्मार्त जनों के लिए):
➡️ 21 जून 2025, शनिवार को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा।

व्रत तिथि (वैष्णव जनों के लिए):
➡️ जो लोग किसी वैष्णव संप्रदाय से दीक्षित हैं, वे 22 जून 2025 को व्रत कर सकते हैं।


📜 व्रत विधि (Vrat Vidhi):

  1. व्रत से एक दिन पूर्व सात्विक भोजन करें।

  2. एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।

  3. भगवान विष्णु की पूजा करें, तुलसी पत्र अर्पित करें।

  4. दिनभर उपवास करें — फलाहार कर सकते हैं या निर्जल रह सकते हैं।

  5. रात्रि में जागरण करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

  6. अगले दिन द्वादशी को व्रत पारण करें।


🌟 योगिनी एकादशी का महत्व:

  • स्कंद पुराण के अनुसार, इस व्रत से भयानक रोगों, दोषों और पापों से मुक्ति मिलती है।

  • यह व्रत स्वर्गलोक की प्राप्ति और मोक्ष दिलाने वाला माना गया है।

  • जो लोग अनजाने में पाप कर चुके हों, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी है।


📌 विशेष ध्यान रखें (क्षय एकादशी हेतु):

  • एकादशी क्षय होने पर दोनों दिन सात्विक दिनचर्या अपनाना चाहिए।

  • केवल उपवास ही नहीं, मन, वाणी और आचरण की भी शुद्धता ज़रूरी है।

  • 21 जून को व्रत करना ही शास्त्र सम्मत है।


👉 निष्कर्ष:
यदि आप गृहस्थ जीवन जी रहे हैं और वैष्णव संप्रदाय से दीक्षित नहीं हैं, तो 21 जून 2025 को योगिनी एकादशी व्रत रखना सबसे उचित रहेगा।

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