समय से पहले होगी मानसून की एंट्री, बदला मौसम? जानें IMD की भविष्यवाणी, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भारी वर्षा की चेतावनी

समय से पहले होगी मानसून की एंट्री

मानसून की एंट्री : देश में मई के महीने में सामान्यत: भीषण गर्मी की हालत होती है। लेकिन, इस साल एकाएक बदले मौसम ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है. कहीं तेज बारिश, कहीं तूफानी हवाएं और कहीं हीटवेव… इस असमानता की वजह क्या है? एक बड़ा सिग्नल भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा चेतावनियों में छिपा है.

जानें इस समय अरब सागर का हाल

दक्षिण कोंकण-गोवा तटों से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है.

यह क्षेत्र धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है और 23 मई की शाम तक एक अवदाब यानी डिप्रेशन में तब्दील हो सकता है.

यह डिप्रेशन अरब सागर के ऊपर हवा की चाल और समुद्री स्थितियों को प्रभावित कर रहा है, जिससे तटीय इलाकों में भारी वर्षा और आंधी जैसे हालात बन रहे हैं.

पश्चिमी तट पर बारिश का दौर

अगले 6-7 दिनों तक पश्चिमी तटीय राज्यों (गुजरात, कोंकण और गोवा, कर्नाटक और केरल) में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है.

कोंकण और गोवा में 22 से 24 मई तक, और तटीय कर्नाटक में 24 मई को अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है.

इससे बाढ़ जैसे हालात, भूस्खलन और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं.

केरल में मानसून की दस्तक जल्द

IMD के अनुसार, केरल में अगले 2-3 दिनों में मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो सकती हैं. यानी मानसून इस साल समय से पहले दस्तक दे सकता है, जो खेती के लिहाज से राहत की खबर है.

उत्तर-पश्चिम भारत में उल्टा हाल: हीटवेव का हमला

राजस्थान में 22 से 26 मई के बीच भीषण हीटवेव की चेतावनी जारी की गई है.

पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पूर्वी राजस्थान में भी 22 और 23 मई को गर्म हवाएं लोगों को परेशान कर सकती हैं.

कुछ इलाकों में ‘वार्म नाइट’ यानी रात में भी पारा सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है.

दक्षिण भारत में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश

केरल और कर्नाटक में 22 से 28 मई के बीच गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है.

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और पुडुचेरी में भी तेज़ हवाओं (50-70 किमी/घंटा तक) के साथ बारिश हो सकती है.

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24 मई को कर्नाटक के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का भी पूर्वानुमान है.

मध्य और पूर्वी भारत भी प्रभावित

मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, बिहार और झारखंड में 22 से 26 मई के बीच गरज-चमक और आंधी के साथ बारिश हो सकती है.

22 और 23 मई को झारखंड और छत्तीसगढ़ में भारी वर्षा की संभावना है.

पूर्वी भारत में तेज़ तूफानी हवाएं चल सकती हैं, विशेषकर पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में.

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 22 से 28 मई के बीच गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ बारिश की संभावना है.

23 और 24 मई को हिमाचल में ओलावृष्टि हो सकती है.

उत्तराखंड में भारी वर्षा की भी चेतावनी दी गई है.

क्यों अहम है यह बदलाव?

एक ओर जहां कुछ इलाकों में मानसून की संभावित एंट्री राहत की खबर है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत में हीटवेव ने चिंता बढ़ा दी है. अचानक मौसम में बदलाव किसानों, मजदूरों, यात्रियों और समुद्री गतिविधियों पर असर डाल सकता है. बिजली गिरने, बाढ़ और तूफान से जान-माल का खतरा बना रहेगा.

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