नई दिल्ली | 8 जुलाई 2025 । 9 जुलाई 2025, बुधवार को देशव्यापी भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी भाग लेंगे, जिससे बैंकिंग, इंश्योरेंस, डाक, कोयला, परिवहन और फैक्ट्री जैसी आवश्यक सेवाओं पर गहरा असर पड़ सकता है।
हड़ताल का आयोजन 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा किया गया है। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की मजदूर, किसान और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध जताना है। इस आंदोलन को ‘भारत बंद’ नाम दिया गया है।
✊ क्या हैं प्रमुख मांगें?
हड़ताल की मुख्य मांगों में शामिल हैं:
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स्थायी रोजगार सुनिश्चित करना
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बेरोजगारी पर अंकुश
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मनरेगा में कार्यदिवस और मजदूरी में वृद्धि
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स्वीकृत पदों पर तत्काल भर्ती
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सामाजिक क्षेत्र (शिक्षा, स्वास्थ्य) में खर्च बढ़ाना
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रिटायर्ड कर्मियों की जगह युवाओं को नौकरी देना
17-सूत्रीय चार्टर श्रम मंत्री को पहले ही सौंपा जा चुका है, लेकिन अब तक सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
🧑🌾 किसान और ग्रामीण कर्मचारी भी होंगे शामिल
इस हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक संगठनों का भी समर्थन मिला है। गांवों में भी इस बंद का व्यापक असर दिख सकता है।
⚠️ इन सेवाओं पर पड़ेगा असर
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बैंक और एटीएम सेवाएं
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डाक और कोरियर सेवाएं
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सार्वजनिक परिवहन (राज्य परिवहन, बस डिपो)
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कोयला, खनन और इस्पात उत्पादन
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फैक्ट्रियाँ और सरकारी कार्यालय
📌 पिछले भारत बंद की तरह इस बार भी व्यापक असर की उम्मीद
इससे पहले भी 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2024 को इसी तरह की हड़तालें हो चुकी हैं, जिनका देशभर में प्रभाव पड़ा था।
🔴 जनता से अपील
यूनियनों ने देशवासियों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और हड़ताल के दौरान आवश्यक सेवाओं का उपयोग सोच-समझकर करें। वहीं सरकार से मांग की गई है कि वह जनता और मजदूर हितों को प्राथमिकता दे।