दिलीप शर्मा | महासमुंद/बागबाहरा। जल जीवन मिशन (JJM) का उद्देश्य हर घर तक सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है, लेकिन महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक की सुवरमाल पंचायत के भटगांव में हालात सरकारी दावों से बिल्कुल विपरीत हैं।
सरकारी पोर्टल इस गांव को “बेहतर प्रगति” वाले गांवों में गिनता है, लेकिन गांव के बीच बनी पेयजल टंकी तीन साल से खाली है और ग्रामीण साफ कहते हैं—
“कनेक्शन तो लगा दिए, लेकिन पानी आज तक नहीं आया।”
🚰 दावे और वास्तविकता में बड़ा अंतर
सरकारी रिपोर्टों के अनुसार भटगांव में—
कुल परिवार: 179
नल कनेक्शन प्राप्त: 130
पेयजल उपलब्धता: 72.63%
Village Action Plan: तैयार
“हर घर जल” प्रमाणन: नहीं मिला
लेकिन ग्रामीण स्थिति इससे बिल्कुल अलग बताते हैं।
टंकी का काम तीन साल पहले पूरा हो चुका, पर उसमें कभी पानी भरा ही नहीं गया। ग्रामीणों के अनुसार नियमित सप्लाई तो दूर, एक दिन भी लगातार पानी नहीं मिला।
🧑🤝🧑 गांव की जनसांख्यिकी
भटगांव की कुल आबादी: 727
SC: 481
ST: 28
सामान्य वर्ग: 218
गांव में कुल 2 हैबिटेशन हैं। सरकारी रिपोर्ट कहती है कि एक जल योजना चालू है और दो जल स्रोत उपयोग में हैं, लेकिन ग्रामीणों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा।
🏫 स्कूल और आंगनबाड़ी में कागजी उपलब्धता
पोर्टल के अनुसार—
गांव के 2 में से 2 स्कूलों में नल जल उपलब्ध है
1 आंगनबाड़ी केंद्र में भी कनेक्शन है
यह कागजों में भले ही सकारात्मक दिखता हो, लेकिन गांव में वास्तविक पेयजल संकट बरकरार है।
🗣️ ग्रामीणों की नाराजगी: “130 क्या, किसी को भी नियमित पानी नहीं”
ग्रामीणों ने कहा—
“काम की रफ्तार पहले से बढ़ी है, पर नल में पानी नहीं आता। तीन साल से टंकी खाली है। जब तक नियमित सप्लाई शुरू नहीं होगी, हर घर जल कैसे मिलेगा?”
ग्रामीणों की मांग है कि—
टंकी को तुरंत चालू किया जाए
नियमित जल सप्लाई शुरू की जाए
शेष 49 परिवारों को भी कनेक्शन दिया जाए

🚨 ठेकेदार की मनमानी पर सवाल
योजना की कुल लागत: ₹56.07 लाख
इस काम को ठेकेदार अशोक चंद्राकर (बागबाहरा) द्वारा पूरा किया गया। ग्रामीणों और स्थानीय प्रतिनिधियों का आरोप है कि जिले में जल जीवन मिशन के कई ऐसे प्रोजेक्ट “अधूरे या निष्क्रिय” हैं।
ठेकेदारों पर कार्रवाई न होने से जिलेभर में यह स्थिति बनी हुई है।
📌 निष्कर्ष
सरकार की रिपोर्ट भटगांव में जल जीवन मिशन की “प्रगति” दिखाती है, लेकिन जमीनी हकीकत में गांव आज भी पानी के लिए जूझ रहा है।
ग्रामीणों की मांग है कि जिम्मेदार विभाग तत्काल ध्यान दें और गांव को वास्तविक रूप से “हर घर जल” की श्रेणी में लाया जाए।






















