Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ जनवरी से प्रारंभ हो रहा है, जिसमें विश्वभर से श्रद्धालु यहां पुहंचेंगे। 14 जनवरी को पहला शाही गंगा स्नान होगा और 2 फरवरी को अंतिम। कुल 14 प्रमुख स्नान तिथियां हैं, जिनमें स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह महापर्व भारत की प्राचीन वैदिक संस्कृति का प्रतीक है। आइए जानते हैं महाकुंभ में स्नान और शाही स्नान की प्रमुख तिथियां।
Mahakumbh का साल 2025 में प्रयागराज में शुभारंभ होने जा रहा है। महाकुंभ में देश से ही नहीं बल्कि विश्वभर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। महाकुंभ का आयोजन 12 साल में एक बार किया जाता है। महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व है। महाकुंभ में स्नान करने से मनुष्य को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार महाकुंभ में स्नान के लिए 10 प्रमुख तिथियां हैं।
जानें महाकुंभ 2025 स्नान की तिथियां
महाकुंभ प्रथम स्नान तिथि : पौष शुक्ल एकादशी 10 जनवरी 2025 शुक्रवार
महाकुंभ द्वितीया स्नान तिथि : पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 सोमवार
महाकुंभ चतुर्थ स्नान तिथि : माघ कृष्ण एकादशी 25 जनवरी, 2025, शनिवार ।
महाकुंभ पंचम स्नान तिथि : माघ कृष्ण त्रयोदशी 27 जनवरी, 2025 , सोमवार।
महाकुंभ अष्टम स्नान तिथि : माघ शुक्ल सप्तमी (रथ सप्तमी)-4 फरवरी, 2025 ई., मंगलवार ।
महाकुंभ नवम स्नान तिथि : माघ शुक्ल अष्टमी (भीष्माष्टमी) -5 फरवरी, 2025 ई., बुधवार।
महाकुंभ दशम स्नान तिथि : माघ शुक्ल एकादशी (जया एकादशी) -8 फरवरी, 2025 ई., शनिवार।
महाकुंभ एकादश स्नान तिथि : माघ शुक्ल त्रयोदशी (सोम प्रदोष व्रत) – 10 फरवरी, 2025, सोमवार ।
महाकुंभ द्वादश स्नान तिथि : माघ पूर्णिमा, 12 फरवरी, 2025, बुधवार।
महाकुंभ त्रयोदश स्नान तिथि : फाल्गुन कृष्ण एकादशी, 24 फरवरी, 2025, सोमवार।
महाकुंभ चतुर्दश स्नान पर्व : महाशिवरात्रि, 26 फरवरी, 2025, बुधवार।
ध्यान दें : महाकुंभ के आसपास जो भी प्रमुख पर्व तिथियां होती हैं उन्हें प्रमुख स्नान की तिथियां माना जाता है। इसलिए 10 जनवरी एकादशी तिथि को प्रमुख स्नान की तिथि माना गया है।
महाकुंभ शाही स्नान 2025
महाकुंभ शाही स्नान तिथि : माघ कृष्ण प्रतिपदा मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, मंगलवार ।
Mahakumbh षष्ठ स्नान (द्वितीय) प्रमुख शाही स्नान-माघ (मौनी) अमावस्या -29 जनवरी, 2025 ई., बुधवार
महाकुंभ सप्तम स्नान, (तृतीय) (अंतिम) शाही स्नान – माघ शुक्ल पंचमी (बसंत पंचमी)-2 फरवरी, 2025 रविवार।
ध्यान दें- बसंत पंचमी का आरंभ 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 15 मिनट से हो रहा है और यह 3 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 3 फरवरी को बसंत पंचमी का आखिरी शाही स्नान होगा।
Mahakumbh में स्नान का महत्व ?
त्रिवेणी संगम यानी गंगा, यमुना व सरस्वती-तीनों पावन नदियों के संगम पर माघ मास और कुंभ पर्व पर स्नान, जप-पाठ और दानादि का धर्म शास्त्रों में विशेष महात्म्य वर्णित किया गया है। विधि पूर्वक माघ स्नान से बढ़कर कोई पवित्र और पाप नाशक पर्व नहीं। माघ मास में कुम्भ पर्व पर प्रयागराज में व्यक्ति तीन दिन भी नियमपूर्वक स्नान कर लेता है, तो उसे एक सहस्र अश्वमेघ यज्ञों को करने के बराबर पुण्य प्राप्त हो जाता है।
Mahakumbh महापर्व भारत की प्राचीन गौरवमयी वैदिकता भारतवर्ष का सबसे बड़ा प्रतीक है। इस महापर्व के अवसर पर देश ही नहीं बल्कि विदेश तक से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ‘कुंभ शब्द हेतु इकट्ठे होक्या घड़ा और ‘कुम्भ’ का अर्थ विश्व ब्रह्माण्ड भी है। कर शब्द का अर्थ है घर या घड़ाषा, संस्कृति, महात्माओं एवं सामान्य श्रद्धालुजनों का समागम हो, वही कुम्भ महापर्व कहलाता है।
कुंभ-पर्व के संबंध में वेद-पुराणों में अनेक महत्त्वपूर्ण मंत्र और प्रसंग मिलते हैं, जिनसे सिद्ध होता है कि कुंभ-महापर्व अत्यन्त प्राचीन, प्रामाणिक और वैदिक धर्म से ओत-प्रोत है। ‘ऋग्वेद’ के दशम मण्डल के अनुसार कुंभ-पर्व में जाने वाला मनुष्य स्वयं स्नान, दान-होमादि सत्कर्मों के फलस्वरूप अपने पापों को वैसे ही नष्ट करता है, जैसे कुठार वन को काट देता है। जिस प्रकार नदी अपने तटों को काटती हुई प्रवाहित होती है, उसी प्रकार कुम्भ-पर्व मनुष्य के पूर्व कर्मों से प्राप्त हुए मानसिक व शारीरिक पापों को नष्ट करता है।
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