महासमुंद जिले के कोमाखान थाना क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार फिर से बढ़ गया है, और इस बार स्थिति और भी गंभीर हो गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने खुद शराब की अवैध बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ठेका देने का निर्णय लिया है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के कई गांवों में शराब की उपलब्धता में भारी वृद्धि हो गई है। यह स्थिति न केवल सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। अब ग्रामीणों का कहना है कि शराब के ठेके से गांव को राजस्व तो मिल रहा है, लेकिन साथ ही इस अवैध व्यापार ने क्षेत्र में कई सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि शराब के सेवन के कारण कई मौतें हो चुकी हैं, जिनमें से एक हालिया घटना ने इस समस्या को और उजागर कर दिया है।
अधिक शराब पीने से युवक की संदिग्ध मौत
26 जनवरी को खुर्सीपार में एक नौजवान की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक की मौत के बाद पूरे गांव और क्षेत्र में हत्या की अफवाह फैल गई। पुलिस और फोरेंसिक टीम घटना स्थल पर पहुंची। कोमाखान थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि युवक ने अत्यधिक शराब पी थी, जिससे वह घर के दरवाजे से टकराकर गिरा और सिर में गंभीर चोटें आईं। खून अधिक बहने के कारण उसकी मौत हुई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी। ग्रामीणों के अनुसार, 26 जनवरी को युवक अकेले घर में था और गांव में शराब की दुकान होने के कारण वह कई बार शराब खरीदने गया था। मृतक अनलिमिटेड शराब पी रहा था। गांव के लोग यह भी बताते हैं कि पहले यहां कोई भी शराब बेच रहा था, लेकिन अब गांववासियों ने ठेका देकर राजस्व अर्जित करना शुरू किया है।
ओडिशा ब्रांड की शराब की बिक्री
खुर्सीपार में ग्रामीणों ने शराब बेचने के लिए अधिकृत कोचिया नियुक्त किया है और इसके लिए जगह का चिन्हांकन भी किया है। इस गांव में दर्जनभर गांवों के लोग रोजाना शराब पीने पहुंचते हैं। यहां छत्तीसगढ़ की शराब के बजाय ओडिशा ब्रांड की शराब बेची जाती है, जो छत्तीसगढ़ी शराब से काफी सस्ती होती है।

कोसमर्रा गांव में भी खुर्सीपार की तरह शराब की बिक्री के लिए ठेका दिया गया है। यहां छुरा रोड से जंगल के अंदर अवैध शराब की बिक्री हो रही है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ ब्रांड के साथ-साथ देसी शराब भी आसानी से उपलब्ध है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
खुर्सीपार में पुलिस कई बार छापेमारी कर चुकी है, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने के कारण शराब की दुकानों का फिर से सजना जारी रहता है। पुलिस कार्रवाई के बाद भी अवैध शराब का कारोबार पुनः शुरू हो जाता है।