Monsoon 2025: देश के किसानों अच्छी खबर सामने आई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून आज अर्थात 24 मई के दिन केरल पहुंच गया है। इस साल मानसून केरल समय से 8 दिन पहले एवं मिजोरम (पूर्वोत्तर प्रदेश) में वक्त से 12 दिन पहले पहुँच गया है। सामान्यतः दक्षिण पश्चिम मानसून 1 जून को केरल और 5 जून को पूर्वोत्तर राज्यों में प्रवेश करता है। इस साल मानसून 16 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 24 मई के दिन ही केरल पहुँचा है। इससे पहले वर्ष 2009 में दक्षिण-पश्चिम मानसून 23 मई के दिन केरल आया था। वहीं पिछले साल 2024 में मानसून 30 मई के दिन केरल पहुँचा था।किसान उपकरण
Monsoon 2025: मानसून ने आज के दिन ही तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में प्रवेश किया है। इससे पहले मानसून तीन-चार दिनों से भारत के मुख्य क्षेत्र से कुछ किलोमीटर की दूरी पर अटका हुआ था। आम तौर पर मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास वापस लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
फटाफट इन प्रदेशों में पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल बनी हुई है। मानसून जल्द ही दो से तीन दिनों में मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों में, पूरे गोवा में, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में, कर्नाटक के कुछ इलाकों में, तमिलनाडु के शेष हिस्सों में, पश्चिम मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में, पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में, हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में पहुँचने की संभावना है।
मानसून जल्दी आने से बारिश पर क्या असर पड़ेगा?
Monsoon 2025: मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के जल्दी या देरी से आने और बारिश की मात्रा में कोई संबंध नहीं है। मानसून के जल्दी पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि अधिक या कम बारिश होगी और ना ही मानसून के केरल जल्दी आने का मतलब यह है कि देश के सभी राज्यों में भी मानसून जल्दी ही पहुँचेगा।
Monsoon 2025: हालांकि इस साल मौसम विभाग ने मानसून 2025 के अपने पहले पूर्वानुमान में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के द्वारा 15 अप्रैल को जारी किए गए अपने पहले पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल मानसून सीजन में जून से सितंबर महीने के दौरान दीर्घ अवधि औसत यानि LPA के 105 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है, जो की सामान्य से अधिक श्रेणी में आती है।
छत्तीसगढ़ में 6 जून को होगी एंट्री
मानसून के निर्धारित समय से 8 दिन पहले केरल में दस्तक देने को लेकर मौसम वैज्ञानिक एच.पी. चंद्रा ने जानकारी दी कि सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसून 13 जून तक पहुंचता है. जगदलपुर में आमतौर पर 13 जून, रायपुर में 16 जून और अंबिकापुर में 21 जून तक मानसून सक्रिय हो जाता है. इस बार, चूंकि दक्षिण-पश्चिमी मानसून एक सप्ताह पहले ही केरल में प्रवेश कर चुका है, ऐसे में सामान्य हवाओं की स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ में भी मानसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. अनुमान है कि इस वर्ष राज्य में मानसून 6 जून तक दस्तक दे सकता है, जो किसानों और गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है.
छत्तीसगढ़ में कई सिस्टम एक्टिव
इस वक्त अलग-अलग साइक्लोनिक सर्क्युलेशन, निम्न दाब और ट्रफ के कारण प्रदेश के कई इलाकों में बारिश, तेज हवाओं और गरज-चमक हो रही है. छत्तीसगढ़ समेत देशभर में झमाझम बारिश और बिजली गिरने की संभावना लगातार बने रहेगी. दक्षिण इलाकों में भारी बारिश की गतिविधि जारी है.
पिछले कुछ सालों में कब हुई थी मानसून की एंट्री ?
पिछले साल 30 मई को दक्षिण भारत में मानसून ने दस्तक दी थी. इसके पहले 2023 में 8 जून, 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को केरल में मानसून की शुरुआत हुई थी. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अप्रैल में अनुमान जताया था कि 2025 में मानसून सामान्य से अधिक वर्षा लेकर आएगा. साथ ही, अल नीनो की आशंका को भी खारिज कर दिया गया था, जो आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में कम बारिश का कारण बनता है.