नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले का कमांड सेंटर पाकिस्तान था. अभी भारत ने ठीक से जवाबी कार्रवाई प्रारंभ भी नहीं और पाकिस्तानी खंबा नोच रही है। मिसाइलों और परमाणु बम की लगातार धमकियां देने से परहेज नहीं कर रही है। पाक के रेल मंत्री तो मिसाइलों के नाम तक गिनाने लग गए. गजनवी, गौरी, शाहीन… जनाब ये भूल गए कि उनकी मिसाइलें भारत की मिसाइलों के आगे कहीं नहीं ठहरतीं. ‘गजनवी’ मिसाइल को ही लीजिए. पाकिस्तानी जितना इसका बखान करते हैं, उतनी दमदार ये है नहीं. एक तो उधार की तकनीक पर बनी है, ऊपर से नाम एक आक्रांता महमूद गजनवी के ऊपर है. पाकिस्तानी की मिसाइलों के नाम ऐसे ही जल्लादों के ऊपर हैं. बहरहाल, बात गजनवी मिसाइल की तो उसके लिए पूरी तरह अपने देश में बनी ‘पृथ्वी II’ ही काफी है.
जानें क्या है पाकिस्तान की ‘गजनवी’ मिसाइल?
गजनवी पाकिस्तान की एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता लगभग 290 से 320 KM के बीच है. इसे परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. जाहिर है, बाकियों की तरह यह मिसाइल भी पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उपयोग करने के लिए तैयार की थी. इसकी लॉन्चिंग पाकिस्तान के हथियार कार्यक्रम के तहत की गई थी ताकि भारत को ‘कंटेन’किया जा सके.
लेकिन सच्चाई यह है कि ‘गजनवी’ तकनीक के मामले में बेहद पिछड़ी हुई मिसाइल है. इसकी सटीकता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं और रेंज भी सीमित है. इसके अलावा, रडार से पकड़े जाने का खतरा बहुत ज्यादा है, यानी लॉन्च होने के तुरंत बाद ही भारत का एयर डिफेंस सिस्टम इसे ढेर कर सकता है.
भारत के पास है ‘पृथ्वी II’, गजनवी को कुचलने वाली
यदि ‘गजनवी’ की तुलना करनी ही पड़ जाए तो अपनी ‘पृथ्वी-II’ मिसाइल से करना सही रहेगा. ‘पृथ्वी-II’ एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है जो पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित की गई है. इसकी मारक क्षमता 350 से 500 KM तक है. पाकिस्तान की लंबाई लगभग 1,800 KM तथा चौड़ाई 1,000 से 1,200 KM तक है. यानी यह न्यूक्लियर मिसाइल करीब-करीब आधा पाकिस्तान को रेगिस्तान बना सकती है!
गजनवी vs पृथ्वी-II मिसाइल
खासियत गजनवी (पाकिस्तान) पृथ्वी-II (भारत)
प्रकार शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM)
रेंज 290-320 किमी 250-350 किमी
पेलोड 700-1000 किग्रा (पारंपरिक/परमाणु) 500-1000 किग्रा (पारंपरिक/परमाणु)
लंबाई 9.64 मीटर 8.56 मीटर
वजन 5,256 किग्रा 4,600 किग्रा
नेविगेशन सिस्टम इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) एडवांस्ड INS, जीपीएस, रडार-आधारित सिस्टम
प्रोपल्शन सॉलिड फ्यूल हाइब्रिड (लिक्विड और सॉलिड फ्यूल)
लॉन्च प्लेटफॉर्म मोबाइल लॉन्चर मोबाइल लॉन्चर
सटीकता (CEP) अपेक्षाकृत कम (लगभग 200-300 मीटर) उच्च (लगभग 50 मीटर या कम)
यूजर पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना और वायुसेना
डेवलपमेंट चीन की M-11 मिसाइल पर आधारित DRDO ने देश में ही बनाई
कैसे उड़ जाएगी ‘गजनवी’ की धज्जियां?
अगर पाकिस्तान ‘गजनवी’ का इस्तेमाल करता है, तो भारत के पास दो विकल्प होंगे:
तुरंत इंटरसेप्ट कर ‘गजनवी’ को हवा में ही मार गिराना. इसके लिए भारत के पास ‘स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम’ और ‘S-400’ जैसे घातक हथियार मौजूद हैं.
उसके बाद जवाबी हमले में ‘पृथ्वी-II’ या फिर उससे भी घातक ‘अग्नि’ सीरीज की मिसाइलों का इस्तेमाल. ‘पृथ्वी-II’ की एक भी सटीक स्ट्राइक पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को तबाह करने के लिए काफी है.
पाकिस्तान के नेता अभी ऐसी गीदड़ भभकियां देते रहेंगे. लेकिन यह साफ है कि भारत की रक्षा ताकत के आगे अभी पाकिस्तान की कोई बिसात नहीं है.