पटवारी आत्महत्या मामला: सुसाइड नोट में उजागर हुए नाम, निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर एकजुट हुआ पटवारी संघ

पटवारी

बिलासपुर। भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले में निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद मामला गरमा गया है। मृतक पटवारी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में कोटवार, सचिव और राजस्व विभाग के अधिकारियों तक के नाम शामिल होने से विभाग में हड़कंप मच गया है।

घटना का विवरण:
27 जून (शुक्रवार) को सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव स्थित बहन के फार्महाउस में सुरेश मिश्रा ने पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट मिला जिसमें लिखा गया –

“मैं दोषी नहीं हूं। मुझे एक साजिश के तहत फंसाया गया है।”

मिश्रा को 25 जून को फर्जी दस्तावेजों के आरोप में निलंबित किया गया था, और उसी दिन उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।

क्या है घोटाला:
घटना बिल्हा तहसील के ढेका गांव की है, जहां भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में फर्जी बंटवारे कर 76 नकली किसानों के नाम से रिकॉर्ड दर्ज किए गए।
👉 इस घोटाले से लगभग 15 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का दुरुपयोग किया गया।
👉 चौंकाने वाली बात यह है कि सभी फर्जी प्रविष्टियां एक ही दिन ऑनलाइन दर्ज की गई थीं।

पटवारी संघ की प्रतिक्रिया:
मृतक के समर्थन में पटवारी संघ अब एकजुट हो गया है। संघ ने बिलासपुर एसपी से मिलकर निष्पक्ष जांच, और असली दोषियों को बेनकाब कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं एसपी ने सभी पहलुओं की जांच का भरोसा दिलाया है।

 पटवारी
पटवारी

📌 मुद्दे उठते हैं:

  • क्या सुरेश मिश्रा अकेले जिम्मेदार थे, या वे किसी बड़ी साजिश का हिस्सा बनाए गए?

  • क्यों अब तक FIR के बावजूद जांच शुरू नहीं हुई?

  • सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों का जिक्र है, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी?

ये भी पढ़ें...

Edit Template