ट्रेडर्स की दबंगई से कोमाखान में बिगड़ी व्यवस्था, स्टेट हाईवे का पानी घरों में घुसा

ट्रेडर्स की दबंगई से कोमाखान

📍 कोमाखान (महासमुंद)। कोमाखान के मुख्य बाज़ार क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों (ट्रेडर्स) की मनमानी और प्रशासनिक अनदेखी से आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्टेट हाईवे पर डंप की जा रही गिट्टियों और भारी वाहनों की आवाजाही ने शहर की सड़कों को धूल और दलदल में तब्दील कर दिया है। हालात ये हैं कि बारिश का पानी अब लोगों के घरों में घुसने लगा है


🚛 व्यवसायिक गतिविधियों से कैसे बिगड़े हालात:

  • हर दिन भारी डंपर और जेसीबी मशीनों से गिट्टी की लोडिंग-अनलोडिंग की जा रही है।

  • इससे पूरे क्षेत्र में धूल का गुब्बार बना रहता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।

  • PWD द्वारा बनाए गए जल निकासी मार्ग इन भारी वाहनों के कारण टूट चुके हैं, जिससे बारिश का पानी रुककर घरों में घुस रहा है

  • आसपास रहने वाले नागरिक बीमारियों और जलजमाव की दोहरी मार झेल रहे हैं


📢 न शिकायत का असर, न प्रशासन की सुनवाई:

स्थानीय नागरिकों ने ग्राम पंचायत, सरपंच और प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायत दी, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई
ट्रेडर्स का कहना है – “मैंने किराए पर लिया है, कोई कुछ नहीं कर सकता।”
यह बयान प्रशासन की निष्क्रियता और दबंगई को उजागर करता है।


प्रश्न उठता है:

  • क्या प्रशासन ने सार्वजनिक स्थल पर गिट्टी डंप करने की अनुमति दी है?

  • क्या जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया जा रहा है?

  • PWD द्वारा नालियों की सफाई और मरम्मत क्यों नहीं करवाई गई, जबकि समय रहते सूचना दी गई थी?


🤐 सन्नाटा क्यों है?

स्थानीय प्रशासन की चुप्पी और जन प्रतिनिधियों की निष्क्रियता ने जनता को अकेला छोड़ दिया है। लोगों का कहना है कि प्रभावशाली व्यापारियों के दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही


📣 जनता की मांग:

  1. सार्वजनिक स्थलों से गिट्टी हटाई जाए

  2. जल निकासी की त्वरित मरम्मत की जाए

  3. धूल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नियमित छिड़काव किया जाए

  4. व्यवसायिक गतिविधियों को नियत स्थान पर स्थानांतरित किया जाए

  5. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो

📹 वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें:
🔗 [YouTube लिंक ]

यहां पढ़ें: महासमुंद: कोमाखान थाना से महज 4 किमी दूर हाईवे किनारे खुलेआम गांजा और शराब की बिक्री, प्रशासन मौन

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