नई दिल्ली। भारत के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज संसद भवन में मतदान होगा। यह चुनाव 16वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने के बाद हो रहा है। मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है।
मतदान की प्रक्रिया
राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी को इस चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के कक्ष संख्या एफ-101, वसुधा में होगा। मतदान गुप्त मतदान के जरिए एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (सिंगल ट्रांसफरेबल वोट) के तहत किया जाएगा।
सांसदों को सफेद मतपत्र पर उम्मीदवारों के नाम के आगे प्राथमिकता (1, 2, 3…) अंकित करनी होगी। विशेष स्याही वाले पेन का ही उपयोग किया जाएगा।
केवल प्रिवेंटिव डिटेंशन में बंद सांसदों (जैसे शेख अब्दुल राशिद और अमृतपाल सिंह) को डाक मतपत्र से वोटिंग की अनुमति होगी। इसके लिए जेल प्रभारी का प्रमाणपत्र जरूरी होगा।
सांसदों का गणित
लोकसभा (543 सदस्य) और राज्यसभा (233 निर्वाचित व 12 मनोनीत सदस्य) के सांसद उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करते हैं। वर्तमान में 5 राज्यसभा और 1 लोकसभा सीट खाली है, जिससे 781 सांसद मतदान के लिए अधिकृत हैं।
हालांकि, बीआरएस (4 सांसद), बीजेडी (7 सांसद) और शिरोमणि अकाली दल (3 सांसद) ने चुनाव से दूरी बनाने का ऐलान किया है। ऐसे में मतदाताओं की संभावित संख्या घटकर 767 रह सकती है।
NDA बनाम INDIA ब्लॉक
इस चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन नंबर गेम में मजबूत दिखाई दे रहा है। वहीं, विपक्षी INDIA ब्लॉक क्रॉस वोटिंग की उम्मीद पर टिका है।
क्योंकि इस चुनाव में पार्टी चिह्न नहीं होते और न ही व्हिप लागू होता है। यही वजह है कि सांसद अपनी इच्छा से मतदान कर सकते हैं। दल-बदल कानून भी प्रभावी नहीं होता, जिससे क्रॉस वोटिंग की गुंजाइश बनी रहती है।
नतीजे कब?
मतगणना की प्रक्रिया मतदान समाप्त होने के बाद शाम 6 बजे शुरू होगी। पहले चरण में वैध मतों की पहली प्राथमिकता की गिनती होगी। जो उम्मीदवार 50% से अधिक वोट हासिल करेगा, वही विजयी होगा।
यदि कोई उम्मीदवार बहुमत नहीं पा सका तो सबसे कम वोट पाने वाले प्रत्याशी के वोट दूसरी प्राथमिकता के आधार पर ट्रांसफर होंगे। यह प्रक्रिया तब तक चलेगी जब तक बहुमत का फैसला न हो जाए।
अवैध मतपत्र (अस्पष्ट प्राथमिकता, गलत निशान, बिना हस्ताक्षर वाले मतपत्र) खारिज कर दिए जाएंगे। यदि किसी उम्मीदवार को वैध मतों का कम से कम छठा हिस्सा (लगभग 128 वोट) भी नहीं मिला तो उसकी ₹15,000 की जमानत जब्त हो जाएगी।
राजनीतिक महत्व
उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। साथ ही, वह राज्यसभा का सभापति भी होता है। ऐसे में यह चुनाव सिर्फ सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच की ताकत का मुकाबला नहीं है, बल्कि ऊपरी सदन के संचालन की दिशा भी तय करेगा।