गरियाबंद। जिले में एक दादा अपने चार के पोते को बचाने के लिए तेंदुए से भीड़ गए और उसके जबड़े से बच्चे को छुड़ा लिया. घटना में मासूम बच्चे को गले में चोट आई है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा में बच्चे का इलाज जारी है. पूरी घटना छुरा विकासखंड के ग्राम कोठीगांव की है. सोमवार के शाम करीब 7 बजे दर्शन नेताम का बेटा (04) प्रदीप नेताम अपने घर के आंगन में खेल रहा था. इस बीच एक जंगली तेंदुआ ने अचानक बच्चे पर हमला कर दिया और जबड़े में दबाकर जंगल की ओर भाग रहा था. घटना के दौरान घर पर सिर्फ बच्चा और उसके दादा थे.

बच्चे के माता-पिता काम से वापस नहीं लौटे थे. तेंदुआ जैसे ही भागने लगा तो बच्चा जोर-जोर से चिखने लगा, जिसे सुनकर बच्चे के दादा पिछा करना शुरू किया. उन्होंने देखा कि तेंदुआ जंगल की तरह जा रहा है. अपने पोते को बचाने के लिए जान पर खेलकर दादा तेंदुआ से जा भिड़ा. बहुत मशक्कत के बाद दादा ने तेंदुआ के जबड़े से बच्चे को छुड़ा लिया.
**सीख:**
कभी-कभी असली वीरता लाठी या तलवार से नहीं, **प्यार और हिम्मत से** दिखाई जाती है। दादा जी ने यह साबित कर दिया कि **जब बात अपनों की हो, तो बुज़ुर्ग भी शेर बन जाते हैं**।
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