पुत्रदा एकादशी कल, पुत्र प्राप्ति के लिए करें ये खास उपाय

पुत्रदा एकादशी

पुत्रदा एकादशी सनातन धर्म में हर तारीख हर व्रत का अलग-अलग खास महत्व है. वर्ष में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. हर माह में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है. एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है.

कब मनाई जाएगी साल की पहली एकादशी

पुत्रदा एकादशी: पंचांग के मुताबिक, साल की पहली एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरुआत 9 जनवरी दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगी. इसका समापन अगले दिन यानी 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को ही रखा जाएगा. इस एकादशी को वैकुंठ एकादशी भी कहते हैं.

Aaj Ka Panchang आज का पंचांग गुरुवार 09 जनवरी 2025

जानें पुत्रदा एकादशी का महत्व

शास्त्रों के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है. ऐसे में जिन वैवाहिक जोड़ों को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है, उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए. पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है. पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु संग लक्ष्मी जी की आराधना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है.

कैसे रखें व्रत?

एकादशी व्रत के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए. एकादशी का व्रत नहीं रखने वालों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.

– एकादशी व्रत के दिन बाल, नाखून, और दाढ़ी कटवाने की भूल न करें.

– एकादशी व्रत के दिन ब्राह्मणों को कुछ दान अवश्य करना चाहिए.

– एकादशी व्रत के पारण करने के बाद अन्न का दान करना शुभ माना गया है.

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