महासमुंद. सोमवार की शाम 15 से 20 मिनट तक शहर में बारिश हुई। बारिश से शहर के कई हिस्सों में अंधेरा छा गया। स्थिति यह रही कि सिर्फ दो घंटे में विभाग के शिकायत कक्ष ने 200 से भी अधिक शिकायत रजिस्टर में दर्ज हुई। लेकिन 70 हजार की आबादी वाले शहर के लिए विभाग ने ठेका के सिर्फ दो कर्मचारी को बिजली फाल्ट सुधारने के लिए तैनात रखा है। इसी बात से अंदाजा लगा ले कि दो कर्मचारी रात 12 बजे तक 200 फाल्ट को कैसे सुधार सकते हैं। इसके साथ ही जिन लोगों का एसी तक पहुंच है उनका तो बिना शिकायत दर्ज भी बिजली में सुधार हो जाता है।
सबसे नीचे देखिए : वीडियो पूछताछ केंद्र का
जिम्मेदार अफसरों का मोबाइल स्वीच ऑफ
- पूछताछ केंद्र में शिकायत दर्ज करने के लिए नंबर है लेकिन इनमें से किसी भी नंबर पर कॉल रिसीव नहीं होता।
- सोमवार की रात दर्जनों लोग शिकायत कक्ष में पहुंचे थे, पदस्थ कर्मचारी एक ही नंबर को उपभोक्ता को दे रहे थे।
- लेकिन वह नंबर भी रिसीव नहीं हो रहा था। हूमन लाल ने बताया कि अफसरों ने जो नंबर उन्हें दिया है उसी नंबर को उपभोक्ता को देते हैं।
यह वह नंबर जो सिर्फ मॉडल - उन्होंने बताया कि उनका नंबर भी अफसर नहीं उठाते, अगर आपकी पहचान एसी साहब है तो बात करलो वहीं समस्या को सुनेंगे।
बाहर से ताला बंद कर कर्मचारी की कर रहे सुरक्षा
- अफसर तो अपने ड्यूटी निभाकर रात में चैन से सोने चल जाते हैं।
- लेकिन छोटे स्तर के कर्मचारियों के लिए आफत है। स्थिति यह है कि पूछताछ केंद्र में कक्ष से बाहर ताला लगाकर कर्मचारी की सुरक्षा कर रहे हैं।
- कर्मचारी काे भय इतना है कि, दरवाजा खुला कर पूछताछ में बैठेंगे तो दफ्तर में तोड़फोड़़ होने के साथ मारपीट का खतरा पल-पल है।
- लेकिन इससे अफसरों को कोई मतलब नहीं है।
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ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायत केंद्र शाम होते ही बंद
- भेदभाव का नतीजा यह है कि शहर के लिए सुनने के रात में शिकायत केंद्र तो चालू रहता है,
- लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के यहां शाम होते ही पूछताछ केंद्र बंद हो जाती है।
- फोन रिसीव नहीं करने पर रात में ही शहर के पूछताछ केंद्र में पहुंचते हैं,
- लेकिन यहां साफ इंकार कर दिया जाता है कि आपका शिकायत यहां दर्ज नहीं होगी,
- ग्रामीण क्षेत्र का कार्यालय सुबह खुलेगी वहीं जाकर शिकायत करना।
ऐसे ड्यूटी में तैनात हैं कर्मचारी
पूछताछ के लिए सुबह 8 बजे से मिस्त्री हूमन लाल का डयूटी, इनके अंदर में ठेका के दो कर्मचारी मुकेश और फैज मोहम्मद जो फाल्ट सुधारते हैं। सुबह पुन: मिस्त्री राजु धीवर की ड्यूटी लगती है इनके अंडर में ठेका कर्मचारी पवन और बिट्टू की तैनाती होती है। राजु धीवर का कहना है कि 70 हजार आबादी और 3 हजार कनेक्शन के लिए सिर्फ दो कर्मचारी की ड्यूटी पर्याप्त नहीं है। इसके कारण उपभोक्ता का समय पर बिजली में सुधार नहीं हो पाता। मंगलवार की सुबह तक 200 शिकायम में से 15 से 20 फाल्ट को ही कर्मचारी सु़धार पाए।
ADD

शासन को बदनाम करने की हो रही कोशिश
अफसर शाम होते अपने घर आराम फरमाने चले जाते हैं। इधर उपभोक्ता परेशान हो रहे है। लगातार लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। बतादें कि विभाग लगभग सभी कार्यो को ठेका में दिया है, लेकिन मॉनटरिंग करने में विफल साबित हो रहा है। एक तरफ शासन विकास यात्रा निकालकर विकास की गाथा गिना रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग सरकार की मंशा को खराब करने में लगे हैं।