छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ ऐसा ही एक वाक्या बिलासपुर से सामने आया है, यहां अपराधियों को बचाने पुलिस अपने कानूनी अधिकार का कैसे दुरुपयोग करती है, इसका नमुना बिलासपुर में देखने को मिला। पुलिस ने 12 दिन पहले गैंगवार और जानलेवा हमला करने वालों को बचाने के लिए जमानतीय धारा के तहत केस दर्ज किया। जिसके बाद डॉक्टर के मेडिकल रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने हमलावरों को पकड़ा और थाने से छोड़ दिया। अब उस केस में जानलेवा हमले की धारा हटाने के लिए डॉक्टर के मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए क्वेरी कराई जा रही है। मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, 12 दिन पहले एक शादी समारोह के दौरान गैंगवार हो गया था। इस दौरान दो युवकों की बेरहमी से पिटाई कर उन्हें अधमरा कर दिया गया। आरोप है कि युवक शादी में बिना निमंत्रण के युवक पहुंच गए थे। इसके बाद कुल्हाड़ी, बेस बैट और हॉकी स्टिक से दौड़ा-दौड़ाकर मारपीट की गई। इनमें एक युवक के सिर पर 31 टांके लगे हैं और उसकी हालत गंभीर है। वहीं, इस वारदात में उसके दो दोस्त भी बुरी तरह से घायल हो गए। बावजूद इसके पुलिस ने हमलावरों पर साधारण मारपीट का केस दर्ज किया। वहीं, इस हमले में घायल युवकों पर भी काउंटर केस दर्ज कर लिया।
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