Aaj Ka Panchang 4 April 2025: आज नवरात्र सप्तमी, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा काल

Aaj Ka Panchang

Aaj Ka Panchang 4 April 2025 शुक्रवार (आज का पंचांग 4 अप्रैल 2025): आज चैत्र नवरात्र का सप्तमी है। शुक्रवार और नवरात्रि का हिंदू धर्म और ज्योतिष में विशेष महत्व है। ज्योतिष के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान ग्रहों की विशेष स्थिति आध्यात्मिक साधना और ऊर्जा को जाग्रत करने में सहायक होती है। वहीं चैत्र नवरात्रि‍ की सप्तमी पर मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना होती है जिनकी कृपा से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। ऐसे में यहां देखें आज का पंचांग।

Aaj Ka Panchang 4 April 2025

आज का पंचांग 4 अप्रैल 2025 (Aaj Ka Panchang 4 April 2025)

संवत – पिङ्गला विक्रम संवत 2082

माह – चैत्र, कृष्ण पक्ष

तिथि – चैत्र माह शुक्ल पक्ष सप्तमी

पर्व – नवरात्रि‍

दिवस – शुक्रवार

सूर्योदय – 06:09 ए.एम सूर्यास्त – 6:39 पी.एम

नक्षत्र – मृगशिरा

चंद्र राशि – मिथुन, स्वामी-बुध

सूर्य राशि- मीन, स्वामी ग्रह-गुरु

करण – बालव

योग – तैतिल

आज के शुभ मुहूर्त

अभिजीत – 12:01 पी.एम से 12:50 पी.एम तक

विजय मुहूर्त – 02:23 पी.एम से 03:26 पी.एम तक

गोधुली मुहूर्त – 06:22 पी.एम से 07:22 पी.एम तक

ब्रह्म मुहूर्त – 4:03 ए.एम से 05:09 ए.एम तक

अमृत काल – 06:03 ए.एम से 07:44 ए.एम तक

निशीथ काल मुहूर्त – रात 11:43 से 12:25 तक रात

संध्या पूजन – 06:30 पी.एम से 07:05 पी.एम तक

दिशा शूल-पश्चिम दिशा। इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं, यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त – राहुकाल – प्रातःकाल 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक

क्या करें – चैत्र नवरात्रि का पवित्र समय चल रहा है। माता दुर्गा जी की उपासना करें। ये व्रत, उपासना व शक्ति पूजा का पुण्य काल है। नित्यप्रतिदिन दुर्गासप्तशती का पाठ करें। माता जगदंबा को समर्पित ये महान उपवास शक्ति उपासना का पुनीत अवसर है। मन में हर पल माता दुर्गा के किसी भी नाम का जप करें। नियम पूर्वक व्रत व दान -पुण्य करना बहुत फलित होता है। शिव मंद‍िर परिसर में बेल, बरगद ,आम, पाकड़ व पीपल का पेड़ लगाएं। अपने घर के मंदिर में अखण्ड दीप जलाइए। दुर्गासप्तशती का नित्य पाठ करें।

सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 09 पाठ अवश्य करें। माता दुर्गा के 32 व 108 नामों का जप करें। सप्तश्लोकी दुर्गा का नियमित 09 पाठ करें। ब्रह्म मुहूर्त में श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ बहुत फलदायी है। कलश स्थापना वाले घरों में नित्य दुर्गासप्तशती का पाठ व अखण्ड दीपक जलाना श्रेयस्कर है। माता दुर्गा की भक्ति प्राप्त करने के लिए सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ अत्यंत आवश्यक है। इस समय मन का सात्विक होना बहुत आवश्यक है। मंद‍िर में कीर्तन व फलाहार कराएं। माता दुर्गा मंदिर में माता की प्रतिमा की एक परिक्रमा करें। नारियल व लौंग माता को बहुत प्रिय है।

क्या न करें – नवरात्र में मन के अंदर किसी के प्रति कोई द्वेष न हो।

ये भी पढ़ें...

Edit Template