रायपुर। छत्तीसगढ़ में शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक होगा। विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में सोमवार को आधिकारिक सूचना दी विपक्ष की कानून व्यवस्था, धान खरीदी को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति 5 दिनों के सत्र में चार बैठकें होंगी कई विधेयक पेश कर सकती है। सरकार नगरीय निकाय की आचार संहिता शीतकालीन सत्र के बाद लगने की संभावना, जब तक पूरे राज्य में आरक्षण की प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी होगी।
इस सम्बन्ध में विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी अपने X पर छत्तीसगढ़ के षष्ठम विधानसभा के शीतकालीन सत्र की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने 4 बैठकें आयोजित होने की भी जानकारी शेयर की। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि शीतकालीन सत्र में वित्तीय कार्य के साथ अन्य शासकीय कार्य सम्पादित किए जाएंगे।
सरकार को घेरने की रणनीति विपक्ष की होगी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष हंगामा कर सकता है। विपक्ष की सूत्रों के मुताबिक, उनकी रणनीति सरकार को घेरने की होगी। प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष अधिक मुखर है साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस सड़कों पर लगातर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। धान खरीदी को लेकर, कवर्धा हिंसा के मामले के अलावा विपक्ष सरकारी नौकरी में भर्ती, धान खरीदी केंद्र, समेत कई मुद्दों पर घेरने की योजना बनाएंगे।
इस सम्बन्ध में विधानसभा सत्र को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस अपने MLA के साथ बैठक कर योजना तैयार कर विधानसभा में सरकार को कटघरे में खड़ा करने के मूड में भी है। विधायकों के साथ बैठक में होगा तय विधानसभा सत्र की घोषणा के बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष जल्द ही इस संबंध में अपने विधायकों के साथ बैठक कर रणनीति बनाने को लेकर तैयारी करने लगे हैं।
दूसरी ओर विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सरकार भी अपनी तैयारी में लग गई है। इस सत्र में राज्य की विष्णुदेव साय सरकार कई अहम विधेयकों को भी सदन में रख सकती है। इस सत्र में वित्तीय कार्य में अनुपूरक बजट से जुड़ा प्रस्ताव आ सकता है। इसके अलावा कई वित्तीय कार्य और शासकीय कार्य को भी संपादित किया जाएगा।
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